बाबाजी व 18 महर्षियों की क्रिया योग परंपरा
लेखक मार्शल गोविन्दन सच्चिदानंद
इस पुस्तक में अमरत्व प्राप्त बाबाजी की प्रमाणिक जीवनी प्रस्तुत की गई है, जिन्हें योगानन्दजी द्वारा लिखित "योगी कथामृत" पुस्तक द्वारा प्रसिद्धता प्राप्त हुई, जो सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तक है।
बाबाजी आज भी बद्रीनाथ के निकट रहते हैं। उन्होंने 16 वर्ष की आयु से ही तरुणावस्था बनाए राखी है, जब सदियों पहले उन्होंने प्रबोधन व दिव्य रूपान्तरण की सर्वोच्च अवस्था प्राप्त कर ली थी।
उन्होंने क्रियायोग की वैज्ञानिक कला में दो महर्षियों, महर्षि अगस्त्य व महर्षि बोगनाथ से दीक्षा प्राप्त की थी, जो दक्षिणी भारत में प्रसिद्धता प्राप्त '18 महर्षियों की परम्परा' से संबंधित हैं।
यह दुर्लभ वृत्तान्त, उनके एक दीर्घकालीन शिष्य ने लिखा है, जिसमें उनकी अल्पज्ञात जीवनी, प्राचीन संस्कृति और वर्तमान उद्देश्य को उद्घाटित किया गया है और साथ ही यह बताया गया है कि क्रिया योग द्वारा जीवन के भौतिक व आध्यात्मिक पहलुओं का एकीकरण कैसे किया जा सकता है।
इसमें क्रिया योग के मनोशारीरिक प्रभावों का स्पष्ट विवरण और उसके अभ्यास के लिए निर्देश दिये गए हैं। इस पुस्तक में महर्षियों द्वारा लिखित श्लोक उनकी व्याख्या सहित दिये गए हैं। यह पुस्तक आपको प्रेरणा प्रदान करेगी जो अंग्रेजी, तमिल, हिन्दी, तैलगु और मराठी भाषा में उपलब्ध है। शीघ्र ही यह कन्नड़ और मलयालम में भी उपलब्ध होगी।
by Marshall Govindan Satchidananda
The first authoritative biography of Babaji, the immortal master made famous by Yogananda’s Autobiography of a Yogi, an all-time best seller. Babaji lives today near Badrinath, his body has not aged since the age of sixteen, when centuries ago he attained the supreme state of enlightenment and divine transformation. This followed his initiation into the scientific art of Kriya Yoga by two deathless masters, the Siddhas Agastyar and Boganathar, who belonged to the “18 Siddha Tradition”, famous among southern India. This rare account, by a longtime disciple, reveals their little known life stories, ancient culture and present mission, as well as how their Kriya Yoga can be used to bring about the integration of the material and spiritual dimensions of life. Clear explanations of the psychophysiological effects of Kriya Yoga and guidelines for its practice are given. It includes verses from the Siddhas’ writings with commentary. A book, which will inspire you. Available in English, Tamil, Hindi, Telugu, Marati or Kannada. Available soon in: Malyalam
This product was added to our catalog on Sunday 03 February, 2013.